अमरकथा प्रारम्भ
श्री पार्वती जी ने कहा-
प्रभो ! मैं अमरनाथ की यात्रा की महिमा सुनना चाहती हूँ , जिसके सुनने से जन्म जन्मांतर के पाप –ताप मिट जाते हैं। जगत स्वामिन ! आप श्री अमरनाथ जी के लिंग का महात्म्य तथा मार्ग के तीर्थों का वर्णन कीजिए। श्री अमरनाथ की यात्रा तथा पूजन विधि भी कहें और यह भी बतायें कि जो शास्त्रोक्त यात्रा को त्यागकर केवल लिंग के ही दर्शन करता है वह किस गति को प्राप्त होता है ?
भगवान श्री शंकर ने कहा-
मनुष्य श्री अमरनाथ जी की यात्रा करके शुद्धि को प्राप्त करता है तथा शिवलिंग के दर्शनों से भीतर बाहर से शुद्ध होकर धर्म,अर्थ,काम वचन तथा मोक्ष को प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है। वह मनुष्य जो कि मार्ग के तीर्थों पर यथाविधि स्नान दान इत्यादि न करके सीधा गुफा ही में पहुंच जाता है उसकी यात्रा निष्फल समझो।
Shree Paarvati Jee Said -
Prabho! I want to hear the importance of Amaranaath travel, which removed the sin of each birth. World’s Master! You describe the importance of Shree Amaranaath’s ling and pilgrimages situated in the way. Explain the worship method during amaranaath’s travel too. What do those people get who only visit ling to left spiritual rite during travel?
God Shiva said-
Human beings receive purification by the visit of Shree Amaranaath and became purified from inside and outside to view Shivaling & able to achieve religion, wealth, prosperity and salvation. Those people who did not do bath, charity etc. as per ritual process and directly reached cave whose travel became effect less.